भूमि का चयन : अच्छे जल निकास वाली रेतीली से दोमट मिट्टी ।
बिजाई का समय :
- सिंचित क्षेत्र -जून का दूसरा पखवाड़ा
- बारानी क्षेत्र-मानसून के आगमन पर
बीज दर : 5-6 कि.ग्रा. प्रति एकड़
बीज उपचार : शक्ति वर्धक हाईब्रिड सीड्स कम्पनी का बीज पहले से ही आवश्यक फफूंद नाशी, कीटनाशी, जीवाण खाद आदि से उपचारित होता है।
बिजाई का ढंग : कतारों का फासला 45 सें.मी. पौधे से पौधे की दूरी: 10-15 सें.मी.
उर्वरक : उर्वरकों का प्रयोग मिट्टी परीक्षण के आधार पर करें। अगर संभव नहीं हो तो निम्न तालिका अनुसार कि.ग्रा. प्रति एकड़ उर्वरक डालें।
यूरिया डी.ए.पी. अर्बोईट जिंक पोटाश
15 35 3 16
उपरोक्त सभी खादें बिजाई से पहले डालें।
खरपतवार नियंत्रण : चौड़ी पत्ती वाले खरपतवारों के नियंत्रण के लिए 700 मि.ली. पैंडीमै थलिन 30 ई.सी. (स्टोम्प) प्रति एकड़ को 200 लीटर पानी में मिलाकर बिजाई के तुरंत बाद स्प्रे करें
सिंचाई : मानसून की स्थिति में समय पर बोई गई फसल में सिंचाई की आवश्यकता नहीं पड़ती। फूल आने व फलियाँ बनते समय 1-2 सिंचाई वर्षा न होने की स्थिति में करें
हानिकारक कीट
- तेला : इसी रोकथाम के लिए 200 मि.ली. मैलाथियान 50 ई.सी. (सायथियान) 200 लीटर पानी के साथ प्रति एकड़ स्प्रे करें।
- गाल वास्प कीट : फूलों व फलियों के स्थान पर विकृत फलियों का गुच्छा बन जाता है। इसकी रोकथाम के लिए 200 मि.ली. मैलाथियान 50 ई.सी. या 250 मि.ली. डाईमेथोएट (रोगोर) 30 ई.सी 200 लीटर पानी में मिलाकर प्रति एकड़ की दर से स्प्रे करें।
बिमारियाँ :
बैक्टीरियल लीफ ब्लाईट : बिजाई के 45 दिन बाद 30 ग्राम स्ट्रैप्टोसाइक्लिन तथा 400 ग्रा. कॉपर ऑक्सीक्लोराईड-50 (ब्लाईटोक्स) 200 लीटर पानी में प्रति एकड़ स्प्रे करें। यही स्प्रे 10-15 दिन बाद फिर दोहराएं।