खरबूजे की खेती की समग्र सिफारिशें

कृषि जलवायु परिस्थितियां: खरबूजे को गर्म व शुष्क वातावरण में उगाया जा सकता है, तापमान 20°C से कम होने पर कम अंकुरण हो सकता है, पाला तथा ठंड फसल की वृद्धि के लिए हानिकारक है, उच्च तापमान, कम आर्द्रता एवं अच्छी धूप फल में स्वाद व मिठास के विकास के लिए उपयोगी है।

 खरबूजे की खेती की समग्र सिफारिशें

बुआई की अवधि : मैदानों में, अक्टूबर के महीने से लेकर मार्च के प्रथम सप्ताह तक। यद्यपि, इसका सबसे बढ़िया समय मध्य फरवरी है।

बीज दर : 1.0 किलो/हेक्टेयर

दूरी: लाईन से लाईन: 200 से.मी., पौध से पौध 60 से.मी.

खाद की निर्धारित मात्रा: खेत की तैयारी के समय प्रति हेक्टेअर बढ़िया विघटित एफवाईएम 30-40 बैलगाड़ियां इस्तेमाल करें। एन.पी. के की मात्राएं नीचे दिए अनुसार इस्तेमाल करें (किलो/हेक्टेयर)

अवस्था

एन

पी

के

रोपाई के समय

80

100

100

तीसरी पत्ती अवस्था में

40

0

0

पुष्पण से पहले

40

0

0

कुल

160

100

100

नोट: 40 कि.ग्रा. नाइट्रोजन = 87 कि.ग्रा. यूरिया, 100 कि.ग्रा. फास्फोरस = 217 कि.ग्रा. डी.ए.पी. 100 कि.ग्रा. पोटाश = 166 कि.ग्रा. एम.ओ.पी.

 

पौध सुरक्षा - प्रमुख कीट

माहो: इमिडाक्लोप्रीड (कॉन्फिडॉर) 0.6 मिली या थायामेथोक्साम (एक्टारा) 0.3 ग्राम या मेटासिस्टॉक्स का 2 मिली या मोनोक्रोटोफॉस का 15 मिली. या डाइमेथॉएट (रोगोर) का 2.5 मिली/लीटर पानी की दर से छिड़काव करें।

पत्तियों की सुंडी तथा पत्तियों की इल्लियां :

मैलाथियान का 2 मिली. या क्विनॉलफॉस (एकालक्स) का 2 मिली या मेटासिस्टॉक्स का 2 मिली या कार्बारिल (सेविन) का 3 ग्राम/लीटर पानी की दर से छिड़काव करें।

फल की मक्खी :

  • फसल प्राप्त करने के बाद जुताई करके तथा मिट्टी को उलट-पुलट कर प्यूपा को बाहर निकाल दें।
  • संक्रमित फलों तथा सूखी पत्तियों को इकटट्ठा करके उन्हें नष्ट कर दें।
  • फलों को पौधों पर बहुत ज्यादा पकने न दें।
  • फसल पर मैलाथियॉन का 2 मिली या कार्बारिल या लेबायसिड का 1.25 मिली या एकालक्स का 2 मिली/लीटर पानी की दर से छिड़काव करें।

 

प्रमुख रोग :

भस्मी फफूंद (पाउडरी मिल्ड्यु): फसल पर डाईनोकैब (काराथेन) का 0.5-1.0 मिली/लीटर-पानी या ट्रायडिओमॉर्फ (कैलिक्सिन) का 3 ग्राम/लीटर पानी की दर से छिड़काव करें।

रोमिल फफूंद (डाऊनी मिल्डयु): फसल पर मेटालैक्सिल + मैंकोजेब (रिडोमिल) का 1.5 मिली/लीटर की दर से छिड़काव करें।

फुझारियम मुरझान :

  • फसलों को बदल-बदल कर बोएं (4-5 वर्ष)।
  • फसल को कार्बेन्डाजिम (बाविस्टिन) से । ग्राम/लीटर की दर से भिगोए।

एन्थ्रक्नोस:

  • फसल चक्र अपनाएं।
  • फसल को मैकोजेब (डाइथेन एम-45) 2 ग्राम/लीटर कार्बेन्डाजिम (बाविस्टिन) 1 ग्राम/लीटर की दर से छिड़काव करें।

मोजायक वाइरस : माहो, तेला तथा चुरदा जैसे वायरस के वाहक कीटों की रोकथाम करें।

 

अच्छी फसल के लिए सुझावः

  • बीज के जमाव का उचित तापमान 20-25°C, फसल बढ़वार एवं अच्छी पैदावार के लिए 25-30°C (दिन का) होना चाहिए। 40°C से अधिक तापमान पर नर फूल की सख्यां अधिक हो जाती है एवं फल गोल हो जाती है।
  • 5-5.7 पी.एच. वाली मृदा हल्की, उपजाऊ एवं जल निकास वाली हो।
  • 2-4 पत्तियां होने पर 3 ग्रा. प्रति लीटर बोरोन, कैल्शियम, मोलीबिडनम का स्प्रे करें।
  • खेत में फसल पकने तक पर्याप्त नमी का होना आवश्यक है।

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